आपको नई कार, घड़ी, फोन या कुछ और सामान लेना है। आपने अपने किसी मित्र से इनको लेकर बातचीत की होगी। कुछ देर बाद कार कंपनियों के मैसेज, किसी ब्रांडेड घड़ी बनाने वाली कंपनी के मैसेज या फिर विज्ञापन आने लग जाते हैं।
आपने कभी ना कभी ऐसा महसूस जरूर किया होगा। फिर आपको लगा होगा कि आपने तो किसी वेबसाइट या फिर किसी ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट पर विजिट ही नहीं किया तो अचानक से इतने एड कैसे आने लग गए। ऐसे में आपको लगा होगा कि कहीं आपका फोन आपकी बातें तो नहीं सुन रहा।
मेटा, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और अमेजन जैसी कंपनियों के साथ काम करने वाली एक मार्केटिंग कंपनी ने माना है कि आपके फोन में मौजूद एप आपकी बातें सुन रहे हैं। जब हम कोई एप डाउनलोड करते हैं तो माइक्रोफोन के एक्सेस की परमिशन भी देते हैं। यही परमिशन इन एप को हमारी बातें सुनने और कंपनी तक पहुंचाने का काम करती है।
404 मीडिया में पब्लिश रिपोर्ट के मुताबिक एड एजेंसी कॉएक्स मीडिया ग्रुप एक्टिव लिसनिंग सॉफ्टवेयर का यूज करती है। ये AI बेस्ट है। जब यूजर किसी सामान को खरीदने की बात करता है कि ये सारी जानकारी कंपनी तक पहुंचाती है। इसके बाद आपको ढेर सारे एड दिखने लग जाते हैं।
एक्टिव लिसनिंग सॉफ्टवेयर 470 से ज्यादा सोर्स से डेटा कलेक्ट करता है। इनमें बिहेवियर पैटर्न और वॉयस डेटा दोनों शामिल हैं। जो यूजर के इंटरेस्ट और इंटेंशन की इमेज तैयार करता है। ये टेक्निक यूजर की बातचीत और ऑनलाइन सर्चिंग के डेटा ट्रेल को कलेक्ट करती है।
ये पहली बार नहीं है जब एक्टिव लिसनिंग सॉफ्टवेयर जांच के दायरे में आया है। 404 मीडिया ने पिछले साल कई बार ऐसी टेक्निक का खुलासा किया था।
2023 दिसंबर में कॉएक्स मीडिया ग्रुप ने एक पेपर जारी किया था, जिसमें बताया गया था कि कंपनी अपनी मार्केटिंग स्ट्रेटजी को बढ़ाने के लिए वॉयस डेटा का उपयोग कैसे कर सकते हैं।
पेपर में बताया गया था कि मार्केटिंग एजेंसियों की एक्टिव लिसनिंग टेक्निक फोन और टीवी जैसे स्मार्ट डिवाइस के पास होने वाली बातचीत को कैप्चर करती है।
कॉएक्स मीडिया ग्रुप की एक्टिव लिसनिंग को आई रिपोर्ट पर Meta और Amazon ने प्रतिक्रिया दी।
Meta ने कहा- हमने कंपनी को लेकर जांच शुरू की है। हम पता लगा रहे हैं कि क्या ये डाटा यूजर परमिशन के साथ रिकॉर्ड किया जा रहा है या नहीं।
Amazon ने कहा- हमारा कंपनी से कोई संबंध नहीं है। यदि हमारे पार्टनर यूजर्स के डाटा की प्राइवेसी का वायलेशन करते पाए गए तो उनके खिलाफ लीगल एक्शन लिया जाएगा।
यूजर खुद देता है परमिशन
कॉएक्स मीडिया ग्रुप ने एक्टिव लिसनिंग तकनीक के अपने इस्तेमाल का बचाव करते हुए अपना पक्ष रखा। कंपनी ने कहा कि जब भी यूजर कोई एप डाउनलोड या अपडेट करते हैं तो वे एप परमिशन देते हैं।
यूजर्स कभी भी सारी जानकारी नहीं पढ़ते हैं। इनमें बहुत सी छोटी-छोटी जानकारी होती है। परमिशन मिलने के चलते डाटा कलेक्शन किया जा सकता है।